नमस्कार दोस्तों
वर्तमान में हमारे ग्रह पर दो तरह के लोग रहते हैं एक वो जो परमात्मा को मानते है और दूसरे वो जो परमात्मा में विश्वास ही नही करते हैं !
तो दोस्तों हम कुछ तथ्यो पर आधारित बात करते है
में आप से पुछु किसी घर कि तरफ इसारा कर कर, कि यह घर किसने बनाया तो आप किसी व्यक्ति कि बात करेंगे कि उसने बनाया, ठीक उसी प्रकार सोचिये क्या इतनी बढी दुनिया कैसे चलती हैं इसमे इतनी व्यवस्था है ! सब कुछ परिपूर्ण है कोई कमी नही है हर वो चीज हैं जिसके कारण जीवन पनपना हे,क्योकि हम किसी घर को देखते हे और कहे कि यह अपने आप बन गया तो कोन मानेगा कि यह अपनेआप हो सकता हे , इतनी व्यवस्था अपनेआप नही हो सकती है, कोई भी वस्तु अपने स्थान से नही हिलेगी जब तक कि उस पर कोई बल नही लगेगा वह वस्तु उसी स्थान पर रहेगी ठीक उसी प्रकार सारी सृष्टि अपने आप नही चल सकती हैं बिना किसी पराशक्ति के,
तो दोस्तों हमेशा हमे परमात्मा का एहसास होना चाहिए
वर्तमान में हमारे ग्रह पर दो तरह के लोग रहते हैं एक वो जो परमात्मा को मानते है और दूसरे वो जो परमात्मा में विश्वास ही नही करते हैं !
तो दोस्तों हम कुछ तथ्यो पर आधारित बात करते है
में आप से पुछु किसी घर कि तरफ इसारा कर कर, कि यह घर किसने बनाया तो आप किसी व्यक्ति कि बात करेंगे कि उसने बनाया, ठीक उसी प्रकार सोचिये क्या इतनी बढी दुनिया कैसे चलती हैं इसमे इतनी व्यवस्था है ! सब कुछ परिपूर्ण है कोई कमी नही है हर वो चीज हैं जिसके कारण जीवन पनपना हे,क्योकि हम किसी घर को देखते हे और कहे कि यह अपने आप बन गया तो कोन मानेगा कि यह अपनेआप हो सकता हे , इतनी व्यवस्था अपनेआप नही हो सकती है, कोई भी वस्तु अपने स्थान से नही हिलेगी जब तक कि उस पर कोई बल नही लगेगा वह वस्तु उसी स्थान पर रहेगी ठीक उसी प्रकार सारी सृष्टि अपने आप नही चल सकती हैं बिना किसी पराशक्ति के,
तो दोस्तों हमेशा हमे परमात्मा का एहसास होना चाहिए
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